अपने ही कॉन्सर्ट की टिकिट ब्लैक में मिलने पर दिलजीत दोसांझ का शायराना अंदाज़, राहत इंदौरी का शेर सुनाकर कहा - इसमें मेरा क्या कसूर? - Darpansamacharhindi

अपने ही कॉन्सर्ट की टिकिट ब्लैक में मिलने पर दिलजीत दोसांझ का शायराना अंदाज़, राहत इंदौरी का शेर सुनाकर कहा – इसमें मेरा क्या कसूर?

Abhimanyu Singh
5 Min Read

मशहूर पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है इस वीडियो में वह एक मुद्दे पर बात कर रहे हैं जिसकी चर्चा बीते दिनों है.

सिंगर दिलजीत दोसांझ के कंसर्ट खूब चर्चा में है. दिलजीत अपने कांटेक्ट से रंग जमा रहे हैं. लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, दिल्ली, गुरुग्राम और हैदराबाद में कई शो हुए. हालांकि कार्यक्रम के बीच-बीच में विवाद भी सामने आते रहे हैं. एक नया सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आया है जिसमें दिलजीत टिकटों के ब्लैक बिकने पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इंदौर में हुए शो में व्यक्ति खुलकर अपना पक्ष रखते हुए नजर आए. बीते कुछ दिनों से ऐसी खबरें आ रही थी की पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट की टिकट ब्लैक में बिक रही है कई लोगों ने इस पर आपत्ति जताई थी वहीं कुछ ने कहा था की सिंगर को इसका ध्यान रखना चाहिए यह दिलजीत की जवाबदेही है लेकिन अब उनका एक लेटेस्ट विडियो सामने आया हैं जिसमें वो खुलकर इस मुद्दे पर बात करते नजर आएं.विस्तार से जानिए की इस मुद्दे पर सिंगर ने अपना पक्ष रखते हुए क्या कुछ कहा. उन्होंने अपनी बात करते हुए राहत इंदौरी का भी जिक्र किया.

8 अक्टूबर दिलजीत दोसांझ के इंदौर कॉन्सर्ट से.

8 दिसंबर को इंदौर में दिलजीत कहते हैं की कुछ दिनों से देश में मेरी एक बात चल रही है की दिलजीत की टिकट ब्लैक हो रही है. वे अपनी बात कहने से पहले जयकारा लगाते हैं, ‘ जय श्री महाकाल ‘ वे कहते हैं की पिछले कुछ दिनों से देश में हो रहा की दिलजीत की टिकट ब्लैक हो रही हैं ब्लैक हो रही हैं अरे भाई अगर टिकिट ब्लैक हो जाए तो इसमें सिंगर का क्या कसूर हैं. अगर कोई 10 की टिकट लेता है और आगे उसे 100 में बेच देता है तो भाई इसमें उस कलाकार की क्या गलती हैं? कलाकर को क्यों दोष देते हो? दिलजीत, राहत इंदौरी के शहर इंदौर में थे इसलिए वे उनका एक शेर भी सुनाते हैं. दिलजीत आगे कहते है क्योंकि राहत इंदौरी जी के शहर में हूं तो इस पर मुझे उनका एक शेर याद आ रहा हैं. “ मेरे हुजरे में नहीं और कहीं पे रख दो, आसमां लाएं हो ले आओ जमीं पे रख दो, साहब आप कहां ढूंढने जाओगे आप हमारे कातिल, आप तो कतल का इल्जाम हमीं पे रखा दो।अपनी बात को और साफ करते हुए आगे दिलजीत कहते हैं जितने इल्जाम लगते हैं लगा दो मुझे ना तो बदनामी का डर है और ना ही कोई चिंता.

10 का 20 तो सिनेमा के दौर से हैं इसमें मेरा क्या कसूर – दिलजीत

दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट की तस्वीर (source : Instagram)

दिलजीत ने कहा की, जब सिंगर को हीरो के पीछे खड़े रहकर गाना पड़ता हैं वो वक्त अब बीत गया हैं पहले ऐसा हुआ करता था. पहले सिंगर गाता था और एक्टर बस होठ हिलाता था. लेकिन अब सिंगर का भी अपना वजूद है वो आगे आकर अपने टैलेंट के दम पर गा सकता हैं और बात रही ये 10 के 20 हो जाने की तो ये कोई नई बात नहीं. ऐसा तो बहुत पहले से ही होता आया है. पहले विदेशी कलाकर भी आते थे तो उनकी टिकिट भी ब्लैक हो जाती थीं. 10 की 20 होने में कलाकर का क्या कसूर?

इस तरह इंदौर के कंसर्ट में दिलजीत ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी और अपना रुख साफ किया. उन्होंने ये कहा की इसमें मेरा क्या कसूर हैं? अब सिंगरो की भी पहचान बनने लगी हैं पहले वे गाने गाते थे और हीरो उस पर नाचता था और एक्ट करता था लेकिन अब वो समय जा चुका हैं. अब लोगों को सब पता है की ये सिंगर की मेहनत हैं.

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