दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी सिंह ने मुख्यमंत्री पद का पदभार ग्रहण करते समय केजरीवाल की कुर्सी पर बैठने से मना कर दिया. उन्होंने कहा की जैसे भरत ने खड़ाऊं रखकर सिंहासन संभाला, मैं उसी तरह दिल्ली संभालूंगी..
अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आतिशी सिंह ने पार्टी के आदेश पर दिल्ली की 9 वीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इसके बाद सोमवार को उन्होंने सुबह करीब 12 बजे मुख्यमंत्री पद का पदभार ग्रहण किया. जहां एक दिलचस्प वाकया हुआ. दरअसल आतिशी ने अरविंद केजरीवाल की कुर्सी पर बैठने से मना कर दिया. दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के नाते आतिशी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर ही बैठना था लेकिन उन्होंने यह कहते हुए उस कुर्सी पर बैठने से मना कर दिया कि यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल जी की हैं. आतिशी ने केजरीवाल की लाल कुर्सी पर ना बैठते हुए उसके बगल में ही अपनी कुर्सी लगा ली. आतिशी ने कहा की वह सिर्फ 4 महीने के समय के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने कहा की जिस तरह राम के वनवास जाने के बाद भरत ने खड़ाऊ रखकर अयोध्या का सिंहासन संभाला था, मैं भी उसी तरह दिल्ली सीएम की कुर्सी संभालूंगी. हालांकि आतिशी के इस कदम पर भाजपा ने उन्हें और उनकी आदमी पार्टी को घेरा. बीजेपी ने कहा की आतिशी ने इस कदम से मुख्यमंत्री की कुर्सी का अपमान किया है, सीधी भाषा में यह चापलूसी हैं. आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने दिल्ली मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
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‘यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल जी की हैं’
आतिशी ने कहा की यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल जी की है और यह उनकी ही रहेगी, मैं इस पर नहीं बैठ सकती. आतिशी ने अपनी बात को कहते हुए भरत का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा की श्री राम के वनवास जाने के बाद भरत ने जिस तरह सिंहासन पर खड़ाऊ रखकर राज्य का कार्यभार संभाला था मैं भी उसी तरह काम करूंगी. आतिशी ने स्वयं को चंद महीनों की मुख्यमंत्री बताते हुए कहा की, वैसे भी मैं अगले चार महीनों के लिए ही दिल्ली की मुख्यमंत्री हूं. जब फरवरी के माह में चुनाव होंगे तो दिल्ली की जनता फिर से अरविंद केजरीवाल जी को विजय बनाएगी और उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में एक बार पुनः चुनेगी.
21 सितंबर को आतिशी बनी मुख्यमंत्री, केजरीवाल के पैर छुए आतिशी सिंह ने 21 सितंबर को दिल्ली की 9 वीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और शपथ के बाद आतिशी ने केजरीवाल के पैर छूकर आशीर्वाद लिया. आपकों बता दे की आतिशी सिंह (43) दिल्ली की सबसे युवा मुख्यमंत्री बन चुकी हैं. इससे पहले अरविंद केजरीवाल 45 वर्ष की आयु में 2013 में मुख्यमंत्री बने थे.
आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री जिन्होंने पांच मंत्रियों के साथ सपथ ली
आतिशी ने आपने पास 13 विभागों को रखा हैं जो की पहले अरविंद केजरीवाल के पास बतौर मुख्यमंत्री थे. इसमें शिक्षा, वित्त, बिजली, राजस्व विभाग शामिल हैं. इसके अलावा सौरभ भारद्वाज जिन्होंने मंत्री पद की शपथ ली है के पास 8 विभाग हैं. 21 सितंबर को आतिशी के साथ कुछ मंत्रियों ने सपथ ली जिसमें सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, ईमरान हुसैन और एक नए चेहरे के रूप में मुकेश अहलावत शामिल हैं. जिन्हें श्रम, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, रोजगार और भवन विभागों का जिम्मा सौंपा गया है.
आतिशी सिंह ने 2013 में आम आदमी पार्टी को ज्वाइन किया था जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे. वह कालकाजी सीट से तीन बार की विधायिका हैं. आतिशी सिंह सिंह को आम आदमी पार्टी में कई विभागों पर काम करने का अच्छा अनुभव है. जब साल 2023 में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था तब आतिशी को कैबिनेट मंत्री के रूप में जगह मिली थी.
मुख्यमंत्री बनते ही आतिशी का बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमला
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी सिंह ने मुख्यमंत्री पद का पदभार ग्रहण करते ही बीजेपी पर जुबानी हमला बोला. आतिशी ने कहा की भाजपा अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का कीचड़ उछाल रही है उनका मकसद अरविंद केजरीवाल जी की छवि को धूमिल करना है और इसमें भारतीय जनता पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ रही. आतिशी ने कहा की केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अच्छा काम किया उन्होंने अपने काम से नैतिकता और गरिमा की मिसाल कायम की जबकि बीजेपी ने उनकी छवि बिगड़ने के उद्देश्य से उन्हें 6 माह तक जेल में बंद रखा.
आतिशी के कदम को भाजपा ने बताया चापलूसी आतिशी के अरविंद केजरीवाल की कुर्सी पर न बैठने की वजह को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने चापलूसी करार दिया. सचदेवा ने कहा की आतिशी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी का अपमान किया हैं, इससे दिल्ली वासियों को भी पीड़ा पहुंची हैं. यह कोई आदर्श नहीं हैं सीधी भाषा में यह चापलूसी हैं.